Thursday, July 7, 2016

 सुल्तान स्पोर्ट्स या सलमान 


                                               यह एक अजब ही इत्तेफ़ाक़ हैं की जैसे ही सलमान की कोई मूवी रिलीज़ होती हैं सब लोग हरकत मैं आ जाते हैं । इस बात का   संदेह नहीं रह गया हैं की स्टारडम की इस दौड़ मैं सलमान ने सारे तथाकथित स्टार्स को बहुत पीछे  छोड़ दिया हैं । यह एक स्टार का एक अद्भुत गुरुत्वाकर्षण हैं की उसकी मौजूदगी ही टिकट खिड़की को हिला कर रख देती हैं । वह खुद कितने भी विवादों मैं गिरे रहे पर उनको शुभचिंतक और उनके फैन को उनसे कुछ फर्क नहीं पड़ता हैं । सलमान सलमान हैं सिर्फ नाम ही काफी हैं ।  मुझे याद हैं की एक जमाना था की जब लोग क्रिकेट  केवल कपिल देव या उसके बाद सचिन के लिए देखते थे । 
कपिल मध्य श्रेणीं मैं बैटिंग करते थे और जब तक कपिल नहीं आते थे लोग टीवी से चिपके बैठे रहते थे या सचिन जो ओपनिंग मैं बैटिंग करा करते थे तो लोग बस उनको देखने को बैठे रहते थे । मुझे याद हैं मेरे इंजीनियरिंग हॉस्टल के दिनों मैं हम लोग मैच कॉमन रूम मैं देखते थे और जैसे ही सचिन आउट हो जाते थे आधे से ज्यादा कॉमन रूम खाली  हो जाता था । यह एक स्टार को चाहने की पराकाष्ठा हैं । ऐसा स्टारडम पाना आपने आप मैं एक मिसाल हैं किसी चमत्कार से काम नहीं हैं । 

                                             कुछ इसी तरह का नजारा आज हर सिनेमा हॉल के बाहर  दिखाई पढ़ रहा हैं । भाई की पिक्चर रिलीज़ हुई जो आपने आप मैं किसी त्यौहार से कम नहीं हैं । हर इंसान किसी ने किसी तरह से भाई के स्टार डॉम की प्रशंसा करे नहीं थक रहा हैं । मैंने आज आपने नजदीक के सिनेमा हाल मैं देखा की हर आदमी इस से अपना व्यवसाहीकरण भी जोड़ रहा हैं । चाहे वह टिकट के रेट हो यहाँ सलमान की पहनी हुई सामग्री हो सभी  अपनी अपनी कोशिश मैं हैं की कुछ इस बिज़नेस का फायदा उन्हें भी हो  जाये । आजकल तो App के द्वारा  टिकट की बुकिंग होती हैं पर स्टारडम का सही नजारा देखना हैं तो टिकट खिड़की पर लम्बी कतारों को देखकर समझ मैं आता की स्टार पावर क्या चीज होती हैं । हर जगह सलमान का नशा छाया हुआ हैं । यह स्टारडम कोई रातो रात मिली सफलता नहीं हैं इस स्टारडम को पाने मैं कड़ी मश्ककत  लगती हैं । लगन ,परिश्रम और निरंतरता ही इसकी सीढ़ियां हैं । यह कहना की अरे सलमान तो बस लुक्स पर यहाँ बॉडी के कारण  चलंता हैं बहुत ही नाइंसाफी  होगी या उस  लगन ,मेहनत और निरंतरता का निरादर होगा ।  यह समझना बहुत जरूरी हैं की हम इन सभी उदहारण  से क्या सीख ले सकते हैं । इसलिए तो शायद इनका बोल गया एक गलत वाक्य बहुत लोगो को आहत   कर देता हैं और हो भी क्यों न जिनको लोग इतना प्यार करते हैं उनके द्वारा अगर कुछ गलत बोल जायेगा तो  लोगो को तकलीफ  होगी ही । इसलिए संयम भी बहुत जरूरी हैं और आजकल के मीडिया प्रधान युग मैं वाणी की संयमता बहुत ही आवश्यक हैं ।  स्पोर्ट्स मैं अनेकानेक उदहारण हैं जहां संयमता नहीं होने के बहुत दुष्परिणाम खेल कूद से जुड़े लोगो ने भुगते हैं । 

                                            लगन , मेहनत ,निरंतरता , संयम ज़िन्दगी के वह चार सूत्र हैं जिनक अनुसरण करके बहुत कुछ पाया जा सकता हैं । सलमान , सचिन , कपिल या कोई भी उपलब्धिपूर्ण इंसान बनना एक महत्वपूर्ण वाकया हैं और हमको इन साख सीखना चाहिए । यह मेरा युवा पीढ़ी से आव्हान हैं की इन चार सूत्रों की अपनी ज़िन्दगी का हिस्सा बनाये और देखे की आप आपने आप मैं बहुत सकारात्मक बदलाव महसूस कर रहे हैं । पर जाइए अभी तो सलमान का स्टार डम का लुत्फ़ उठाइए और देखिये की एक सुपर स्टार मेगा स्टार कैसे बनता हैं । 

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