Sunday, July 3, 2016

स्पोर्ट्स आपको संकट के मायने  बताता हैं 

यह बात सही हैं की आजकल के युग मैं संकट का नाम सुनके हर इंसान घबरा जाता  हैं ! इस समय भारत जब वैश्वीकरण के दौर से गुजर कर एक बहुत आशावान देश बन चुका  हैं ! हमेशा कुछ पाने की ज़िद एक आम आदमी की ज़िन्दगी का हिस्सा बन चुकी हैं | हम सभी लोग किसी न किसी रेस का हिस्सा बन चुके हैं । पारिवार,पैसा ,समाज मैं इज्जत यह हम सभी को बहुत ही प्रभावित्  करता  हैं । आजकल जहां समय इतने तेज गति से गुजर रहा हैं की हम सब उसकी रफ़्तार को पकड़ने मैं बहुत व्यस्त हैं । इस मैं कुछ बुराई भी नहीं हैं क्योंकि  हमारे सामाजिक ढांचे इसी तरीके से आकार  ले चुके हैं । हम सब को उन्ही सामाजिक ढांचों के अनुरुप अपनी ज़िन्दगी की व्यतीत करना हैं । 

                                                   ऐसे समय मैं किसी भी तरह की असफलता इंसान को बहुत हताश कर देती हैं  आज कल सब सोशल मीडिया के तहत एक दुसरे से जुड़े हुए हैं । सोशल मीडिया मैं इंसान हमेशा अपनी दिखावे  वाली ख़ुशी का व्यक्त करना मैं लगा हैं । नया घर ले लिया तो उसको पोस्ट , नया शहर घुम कर आये तो उसका पोस्ट , कुछ भी इंसान की ज़िन्दगी मैं अच्छा हो रहा हैं तो वह झट से उसको पोस्ट करता हैं । शायद यह दिखावे का ज़माना पहले भी   था बस उसको सोशल मीडिया के स्वररूप मैं एक नया जरिया  मिल गया हैं । कुछ मेरे दोस्तों को तो मैं इतना आदि होते देखा हैं की वह अगर एक मिनट मैं ५-१० बार अपने  पोस्ट पर like नहीं चेक कर लेते हैं तो उनको राहत  ही नहीं मिलती हैं । इसी तरह दूसरा के पोस्ट को देखना भी वह जरूरी समझते हैं । इस समय मैं एक होड़ से चल रही हैं की उसने मेरे फोटो मैं like  किया तो मैं भी उसके पोस्ट  कर्रूँगा नहीं किया तो नहीं कर्रूँगा ।यह सब कुछ बुरा भी नहीं हैं पर  इस सब के कारण हम लोग कभी कभी वास्तविकता से दूर होते जा रहे हैं । आजकल के ज़माने मैं किसी दुसरे के साथ बुरे होते देख इंसान बहुत खुश होता हैं अंदर ही अंदर उसको किसी  इंसान की ज़िन्दगी मैं 
अच्छा समय नहीं चलना का बहुत सुकून होता हैं । भले ही वह चहरे पर हमदर्दी  रखे पर दिल से उसको इतनी हमदर्दी नहीं रहती हैं जो पहले के समय मैं हुआ  करती थी  । यह एक बहुत ही मुश्किल हैं समझ पाना पर यह हकीकत से हम सभी लोग भली भांति परिचित हैं । यह एक बहुत ही कटु सत्य हैं । 

                                                  यह सब  बातें बहुत गम्भीर हो चुकी हैं क्यूंकि इसका असर सीधा लोगो की  की ज़िन्दगी पर पड़ रहा हैं । स्पोर्ट्स ( स्पर्धा ) हमको बहुत कुछ सीखता हैं और समाज की इस विसंगति मैं भी हमको स्पर्धा से सीखना चाहिए । अभी हाल मैं मेस्सी का रिटायरमेंट की खबर देखे या रवि शास्त्री और कुंबले का विवाद यहाँ फिर मोहद शहीद के उपचार के लिए धनराज पिल्लै की प्रधान मंत्री से गुहार । अगर आपको रोजर फेडरर और नडाल के मैच की झलकियां याद होंगी तो आप जरूर इस बाद को याद रखेंगे की भले ही मैदान मैं वह एक दुसरे के प्रतिद्वंदी होंगे पर मैदान के बहार उनको एक दुसरे के लिए बहुत आदर हैं । एक दूसरे के अच्छा समय मैं और एक दुसरे के बुरे समय मैं भी वह एक दुसरे के साथ खड़े हुए हैं । ज़िन्दगी मैं संकट आना भी बहुत जरूरी हैं । संकट के समय आपको बहुत कुछ सीखाता हैं इसलिए शायद किसी भी महान व्यक्ति की आत्म कथा को आप पढेंगे तो आप देखंगे की उनका समय कहीं न कहीं बहुत ही संकट से गुजरा हैं । संकट के समय मैं हम को धैर्य  रखना और आत्मा अवलोकन जरूर करना चाहिए और यह हमे स्पोर्ट्स से अच्छा कोई नहीं सीखा सकता हैं । संकट के समय मैं ही एक अच्छा खिलाडी की परख होती हैं और वह किस तरह से अपने प्रयत्नों से उस समय उभर कर बाहर  आता हैं यहाँ टीम को बाहर निकलता हैं यह एक अविस्मरणीय कला हैं जिसको  सीखना चाहिए । याद करे माइकल फेल्प्स को या युवराज सिंह को तो लगता हैं की ऐसे कितने उदाहरण   हैं जो संकट मोचन बन गए हैं । याद रखे की कोई भी स्पोर्ट मैं अपनी तारीफ खुद ही नहीं करता हैं बल्कि ज़माना उसको तारीफ करता हैं । इस काबिल बने  की लोग बिना आपके like  को देखे बिना आपकोlike करे । संकट के समय धैर्य रखे और हमेशा सयम से संकट का सामना करे नाकि किसी और मैं दोष ढूंढे । संकट के समय दुसरे व्यकित के लिए रियल शुभचिंतक बने नाकि दिखावे के लिए । लोगो की ऐसे समय मैं मदद करें और याद रखें की स्पोर्ट्स मैं जब किसी की injury होती हैं तोह विरोधी खेमा भी हमेशा उसको मदद करता हैं । आशा करते हैं स्पोर्ट्स के इस  पाठ  को हमेशा ध्यान रखंगे औरसंकट मैं अपने आप को और दुसरे के संकट मैं आगे बढ़कर लोगो को मदद करेंगे । 

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